बोल दो ना
बोल दो ना
है जो इन आँखों में छुपा बोल दो ना
अब अपने दिल की जुबाँ बोल दो ना
जो जूडा़ है बनाया मैंने तुम्हारे लिए
जरा इन्हें अपने हाथों से खोल दो ना
अक्सर नशीली आँखें मुझसे जो कहती है
जरा निगाहों से इसे मुझमें घोल दो ना
है जो ये बेनाम रिश्ता हमारे बीच
इसे नाम दे के जरा तोल दो ना
बेमोल हो चुकी मेरी इस जिंदगी में
खुद को मिला के इसको मोल दो ना...