शिव रूप तुम ही तुम ही शिवा हो, मृग छाल तन पर भभूत लपेटे हो, शिव रूप तुम ही तुम ही शिवा हो, मृग छाल तन पर भभूत लपेटे हो,
तीसरी आँख खुल जाए तो विनाश हो जाए तीसरी आँख खुल जाए तो विनाश हो जाए