खेले सारे भक्तों के संग होली। खेले सारे भक्तों के संग होली।
कैलाशी भी है वो,वो ही सोमनाथ है त्रिलोकी भी है जो और विश्वनाथ है कैलाशी भी है वो,वो ही सोमनाथ है त्रिलोकी भी है जो और विश्वनाथ है
कोरोना का क्षय हो, भारत 'अक्षय' हो, नीलकण्ठ बन सभी तांडव करो। कोरोना का क्षय हो, भारत 'अक्षय' हो, नीलकण्ठ बन सभी तांडव करो।
सच्चे बंधन समझ ही नहीं पाते मनु की संतान शिवमय हो ही नहीं पाते। सच्चे बंधन समझ ही नहीं पाते मनु की संतान शिवमय हो ही नहीं पाते।
आसमान से उतरे हैं दो बादल के टुकड़े नीलकंठ बन विचर रहे हैं। आसमान से उतरे हैं दो बादल के टुकड़े नीलकंठ बन विचर रहे हैं।
शिव रूप तुम ही तुम ही शिवा हो, मृग छाल तन पर भभूत लपेटे हो, शिव रूप तुम ही तुम ही शिवा हो, मृग छाल तन पर भभूत लपेटे हो,