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Pragya Gaur

Inspirational

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Pragya Gaur

Inspirational

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

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आने दो उसे इस दुनिया में

चहकेगी कोयल की तरह तुम्हारे आंगन में।

कंदे पर बैठ के तुम्हारे साथ बाज़ार जाएगी,

बाबा ये दिलादो, तुमसे रोज़ वो ज़िद करेगी।

शैतानियां वो खूब करेगी,

डांट से तुम्हारी सेहम भी जाएगी,

अरमान सारे तुम्हारे पूरे करेगी,

बस उड़ने दो उसको खुले आसमान में।

बन्द आंखों से उसने देखे हैं कई सपने,

बस शिक्षा उसको अच्छी देना,

है ये अधिकार उसका और कर्तव्य तुम्हारा।

एक मां दिल पर क्या बीतती है,

दर्द मेहसूस करके देखना,

उसको कोख में मत मारना,

विनती है, जीने देना।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,

गूंजे ये दुनिया में इतना उसको फैला दो,

देश तरक्की तभी करेगा।


अंतरिक्ष जाकर चक्कर लगाया,

चांद पर भी गई हैं,

लड़कियों ने भी है नाम कमाया,

उसको भी इनमें से एक बनने दो।

आंदोलन भी चलते हैं अब तो,बेटियों को बचाने के,

लेकिन किसके मन में क्या है कोई न जाने।

बेटियों का सम्मान करना हर कोई सिखाता है,

लेकिन अपने घर में बेटी कोई नहीं चाहता।

दहेज़ की आस में बैठते है सभी,

कभी सोचा है उस बाप पर क्या बीतेगी।

शौक़ इतने ही अनोखे हैं, तो मेहनत से कमा,

क्यूं उस बाप का दिल दुखाते हो, 

जिगर का टुकड़ा भी दे, और उसकी कीमत भी।

कभी सोच कर देखो,

एक औरत बिन दुनिया कैसी होगी,

न हाथों में राखी, न दर्द बाटने वाली होगी।

कोख में न मारो, दुनिया देखने दो,

किन शब्दों में समझाऊं अब मैं,

बेटियों को दुनिया देखने दो,

पढ़ा लिखा कर, सपने पूरे करने दो।

देखो जहां कहीं भी अत्याचार,

आवाज़ उसके ख़िलाफ़ ज़रूर उठाओ,

अब ये संदेश पूरे जग में फैलाओ,

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।


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