चल अब वापस आ जा न
चल अब वापस आ जा न
बालकनी में खड़े किसी रोज़,
हम तुम एक साथ चाय की चुस्की लेंगे।
याद जब भी आती है तेरी,
तेरा कहा हर लफ्ज़ याद आता है,
बस यही ख़्याल आता है,
काश तू आज साथ होता।
बारिश जब भी होती है,
सर्दी या गर्मी फर्क नहीं पड़ता,
बस सब भूल कर झूमने का दिल करता है,
क्योंकि साथ तेरे होने का एहसास होता है।
स्कूल की छुट्टी के वक़्त,
जब भी बारिश होती थी,
हम दोनों का एक ही छते में,
छुपना याद आता है।
वो सुबह तेरा फोन करना,
और कहना स्कूल मत आना,
तब्यत खराब है तेरी ध्यान रखना अपना,
और मुझे डटना याद आता है।
तेरा मेरी कोचिंग के बाहर,
मेरा इंतज़ार करना याद आता है,
सर का मुझे डाटने पर,
तेरा उनपर गुस्साना याद आता है।
और सबसे ज़्यादा मेरी आईडी से,
लड़कों को परेशान करना याद आता है,
मेरा स्कूटी चलाते वक्त
मेरा बॉडीगार्ड बनना याद आता है,
याद है कितने ऐक्सिडेंट लिए हैं साथ,
फिर वही लम्हे जीने को दिल करता है।
वो बारिश की बूंदों से खेलते हैं घंटों,
दिल की हर बात बड़बड़ाते हैं,
लोग समझते हैं पागल हो गए हम,
लेकिन उनको कैसे बताऊं
उस पल तुझको करीब पाते हैं।
तू कहता था न प्यार सच्चा हो तो,
बारिश की बूंदों में उसकी सूरत दिखती है,
कभी पागल बनाते थे तुझको इस बात पर,
आज खुद वो चीज़ महसूस करते हैं।
बारिश जब भी होती है,
सर्दी या गर्मी फर्क नहीं पड़ता,
बस सब भूल कर झूमने का दिल करता है,
क्योंकि साथ तेरे होने का एहसास होता है।
वापस आ जा ना, गुस्सा थूक दे अब,
चल सारी थी मेरी गलती,
जी भर के डाट ले,
पुरानी दोस्त पूछती हैं तेरे बारे में,
तूने क्यों किया ऐसा कहती हैं मुझसे,
चल अब वापस आजा तेरी कमी खलती है मुझे।

