हम सफर
हम सफर
पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं ;
उड़ जाएगे एक दिन फोटो से रंगों की तरह,
हम घड़ी के सुए पर बैठे है खगो की तरह,
मस्त हो कर मस्ती करते रहिये,
छैड़ना मत छोड़िये,
खटखटाते रहिये दरवाजा दिल का,
एक दूसरे के मन का ;
मुलाक़ात ना हो रही हो तो,
आहट आती रहनी चाहिए,
ना राज है...... जिंदगी ना नाराज है...... जिंदगी
बस जो है वो आज है....... जिंदगी.
ऐ मेरे हम सफर जीले जिंदगी...
दो कदम तू बढ़ा, दो कदम मे बढ़ाऊ
तेरे इश्क मे फिर आज फना हो जाऊ
जी ले जिंदगी.... जी ले जिंदगी.....
कम्बख्त कब कौन दगा दे जाए,
कुछ पता नहीं, जिंदगी का.....
पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं।