गोरी साजन की छबीली
गोरी साजन की छबीली
आज रंग दूं मैं तेरी चूनर ओ रंगीली ।
गोरी तू है अपने साजन की छैल छबीली।
भूल के सब राग द्वेष हम होली खेलेंगे।
रंगेंगे रंग गुलाल दिल से दिल सारे मिलेंगे।
आया फागुन मस्ती प्यार का मौसम लाया।
बागों में फूल बहारों में सुगंध है महकाया।
पेड़ो पर कोयल गाए देखो फाग रसीली।
वर्षा की बौछार जैसे चहुं बरसे हर्षिलली।
होली में सबके होंठों हंसी हम तुम लायेंगे।
उदास चेहरों पर मुस्कान हम दोनों खिलाएंगे।
गालों गुलाल लगाएंगे होली धमाल हम गायेंगे।
दुख दुनिया का होली में सबका हम भुलायेंगे।
आओ हमसे खेलो होली रोको न मुझको हठीली ।
गोरी तू है अपने रसिक साजन की छैल छबीली।