अस्तित्व
अस्तित्व
बीज रोपते माटी में
कोपलें फूटती माटी में
सींचती माटी इसे
पल्लवित होते माटी में
"फल मीठे होते पेड़ के
फूल सुन्दर होते पौधे के
और जो बीज पुष्पित फलित ना हो पाए
फल कुछ कड़वे रह जाए
फूल की रंगत निखर ना पाए!
तो माटी सही नहीं होगी
माटी में ही कुछ कमी होगी!
तुम्हारा अस्तित्व भी कुछ ऐसा ही है न!
माटी सा,
बोलो न माँ!
