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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

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गुरु की महिमा

गुरु की महिमा

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बड़ा भाग्यशाली वो होता है, जो ईश्वर को प्राप्त कर पाता है।

 बिन गुरु के, दर्शन हैं दुर्लभ ऐसा वेद पुराणों में बखाना है।।


 इस धरती पर जब -जब अधर्म का पलड़ा भारी हुआ,

 सत्य छोड़, असत्य ने, जब -जब अपना काम किया,

 तब जाकर नर शरीर रूपी गुरु, हम सब पर कुर्बान हैं।। बिन गुरु... 


मानवता को तो ताक पर रखकर, खुद बनता महान है,

 काम, क्रोध, मोह, माया में फँसकर,कर रहा गुणगान है,

 इन दुश्मनों से "गुरु"ही पार लगाते, वो ही कृपा -निधान हैं।बिन गुरू.....


 जन्म दिया जिसने कोख से, वही आज परेशान है,

 मात- पिता की सेवा छोड़ी, पत्नी बनी महान है ,

अंधकार भगा, प्रकाश दिखाते, हमारे गुरु महान हैं।।बिन गुरु......


जो भी पहुँचा उनकी शरण में, बेड़ा उसका पार हुआ,

 जो भी पहुँचा निष्काम भाव से, उसका तो कल्याण हुआ,

 पात्र-कुपात्र भी पा जाते सब कुछ, देते सबको वरदान हैं।।बिन गुरु.......

 

"गुरु की महिमा" को वर्णन करना, किसकी इतनी औकात है,

 कलियुग में तो हम अज्ञानी, क्या उनको समझना आसान है, 

लेकिन सब पर करुणा बरसाते, वो ही करुणा-निधान हैं।।बिन गुरू......


हे !दयामय, करुणा के सागर ,हम तो अभी नादान हैं,

 आँखों पर माया का पर्दा छाया,तुम को समझना ना आसान है ,

"नीरज" पड़ा है देहरी पर तुम्हारी, कुछ लिए अरमान है।।बिन गुरु.......


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