STORYMIRROR

Neeraj pal

Inspirational

4  

Neeraj pal

Inspirational

सिर्फ तेरा सहारा।

सिर्फ तेरा सहारा।

1 min
253

सब सहारे छूट गए, बस अब एक ही सहारा है अब तेरा ।

मन का वहम भी टूट गया, यहाँ कुछ भी तो है नहीं मेरा।।


अहम में इतना चूर हुआ कि, जो कुछ समझा, है सब मेरा।

सत्संग में जब आना हुआ तो, झकझोर दिया मन मेरा।।


बालपन, युवा कब बीत गया, समय -चक्र ने ऐसा घेरा ।

अन्तर मन ने जब नेत्र खोले, पता चला कहीं और है डेरा।।


 थामा दामन जब वीतराग- पुरुष का, अंतर में था विष घनेरा।

 मलिन- हृदय साफ कर दिया, तब जाना अब हुआ सवेरा।।


 पावन गंगा में नहा कर, धो दिया सब मैल मेरा ।

अनेकों को है तारा तुमने, क्या "नीरज "है नहीं तुम्हारा।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational