जो उनके बेज़ान ज़िस्म में कुछ सांस फूंक देगा। जो उनके बेज़ान ज़िस्म में कुछ सांस फूंक देगा।
ऊंची खिड़की से दिखती सिमटी हुई सी हरियाली भी है, ऊंची खिड़की से दिखती सिमटी हुई सी हरियाली भी है,
हो जैसे सावन की बारिश वैसे आंसू झरता है हो जैसे सावन की बारिश वैसे आंसू झरता है
मुश्किल पड़ी हो चाहे कितनी हज़ार डटे मैदान में रहना है मुश्किल पड़ी हो चाहे कितनी हज़ार डटे मैदान में रहना है
अहम में इतना चूर हुआ कि, जो कुछ समझा, है सब मेरा। सत्संग में जब आना हुआ तो, झकझोर दिया अहम में इतना चूर हुआ कि, जो कुछ समझा, है सब मेरा। सत्संग में जब आना हुआ तो, झ...
मुझ जैसे चौकीदार को छकाकर ही तो बिटिया रानी दादा-दादी के महल की दीवार में कर सकती ह मुझ जैसे चौकीदार को छकाकर ही तो बिटिया रानी दादा-दादी के महल की दीवार म...