तेरे सिवा न कोई इस दिल को और भाता। तेरे सिवा न कोई इस दिल को और भाता।
सही लगती है, जो मेरी हृदय को पवित्र लगती है। सही लगती है, जो मेरी हृदय को पवित्र लगती है।
बताइए क्या नीम कभी मीठा हो पाता है।। बताइए क्या नीम कभी मीठा हो पाता है।।
मैं घुला हुआ झरता हूं वहां उस टीले से बस्ती की झरोखे पर वहां से बहाता हूं मैं मैं घुला हुआ झरता हूं वहां उस टीले से बस्ती की झरोखे पर वहां से बहाता हूं...
हर पल ख्यालों में था उसकी ही बांहों में था लेकिन हकीकत में ना उसका पता था हर पल ख्यालों में था उसकी ही बांहों में था लेकिन हकीकत में ना उसका पता ...
मुश्किल पड़ी हो चाहे कितनी हज़ार डटे मैदान में रहना है मुश्किल पड़ी हो चाहे कितनी हज़ार डटे मैदान में रहना है