तेरा साहिल..
तेरा साहिल..
तू है यहीं कहीं मेरे आस-पास,
नज़रें बेशक खा जाएँ धोखा।
पर ये दिल तो अंधेरों में भी,
ढूँढ लेता है तेरे होने का एहसास।
है ये मोह या है दो दिलों का नाता,
तेरे सिवा न कोई इस दिल को और भाता।
कर लूँ चाहे मैं कोशिशें सौ और हज़ार,
दिल कहीं तेरे सिवाय न साहिल पाता।

