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Abhishek Singh

Abstract Romance Fantasy

4  

Abhishek Singh

Abstract Romance Fantasy

एक रात दे रहा हूँ

एक रात दे रहा हूँ

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एक रात दे रहा हूँ

मुलाकात हो नहीं पाई

मैं इस तरफ़ तुम उस तरफ़

ख़्वाहिशें सो नहीं पाई


सितारे ओढ़ रहा हूँ

चाँदनी बहती जाए

मैं इस तरफ़ तुम उस तरफ़

जुम्बीस ए रात बढ़ती जाए 


मुद्दत ए रात मिली है 

ज़ालिम; क़रीब तो आ

मैं इस तरफ़ तुम उस तरफ़

हिज़्र ए दरमियाँ तो मिटा


एक रात दे रहा हूँ

मुलाकात हो नहीं पाई

मैं इस तरफ़ तुम उस तरफ़

ख़्वाहिशें सो नहीं पाई।


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