बेरोजगारी
बेरोजगारी
पढ़ा लिखा होकर भी युवा बेरोजगार हैं
तुम कोई काम के नहीं हो घर, समाज कहता है
देश मैं अकेला ही बेरोजगार नहीं लाखों हैं
पढ़े लिखे लोग भी बेरोजगार घूम रहे हैं
जिससे भी मिलो वही रोजगार के लिये बैठा है
कुछ घर में बैठकर ही मोबाइल से समय पास करते हैं
कुछ अपने पिता के साथ खेत में काम करते हैं
पढ़ें लिखकर भी अपनी किस्मत को कोसते हैं
अब अंतिम अवसर बेरोजगार भत्ता है
बस अब इसी का इंतजार और भरोसा है
एक नौकरी दे देते प्रभु विनती रोज करता हूँ
नौकरी मिल जाए तो सब कुछ ठीक है
नहीं तो सबकी नजरों में एक बेरोजगार हूँ
सब ऐसी नजरों से देखते हैं
मैं बेरोजगार हूँ।
