जान से ज्यादा
जान से ज्यादा
उन्होंने नहीं समझा हमें वफा के काबिल
हम से दगा करके क्या हुआ हासिल
कहते थे जो कभी हमको अपना
तोड़ गये दिल जैसे कोई बुरा सपना
आज उनकी याद में हमने आँसू बहाये
देखकर हमें तकलीफ में वो मुस्कुराये
जिनके दुख दर्द को हमने किया स्वीकार
उसने हमें पहचानने से भी किया इनकार
फूल बिछाया करते थे जो हमारी राहो में
आज वो खुश है किसी और की बाहो में
उठ गया भरोसा प्यार से हो गये शर्मिंदा
कुछ नहीं सूझ रहा किसके लिये रहे हम जिंदा
बेवफा ने ऐसा धाया ऐसा सितम
आँख हुई बंद और गुमसुम हो गये हम
धड़कता था जिनके लिये दिल वो बंद हो गया
मेरे प्यार के साथ मेरा भी किस्सा खतम हो गया
दरखास्त है खुदा से भर भर के दे खुशी उसको
मेरे मौत के गुनाह से बख्श दिया मैंने जिसको
मेरे जैसा धोका ना मिले उसको
खुद के जान से ज्यादा प्यार किया था जिसको।