प्यार विश्वशघात और बदला
प्यार विश्वशघात और बदला
जहां होता प्यार ,वहीं होता घात
जहां हो विश्वास ,वहीं ,होता विश्वासघात
फिर शुरू होती बदले की बात
जमाना बदल गया यारों
अब ना प्यार सच्चा ना ही यार सच्चा
सब कुछ मतलब से चल रहा है ,
प्यार भी मतलब से होता है
व्यवहार भी मतलब से चलता है
यार भी मतलब से बनते हैं
किसपे करे एतबार ,
किस से करेंगे प्यार ,
हर जगह मिल रहा है यारों
प्यार,विश्वासघात और बदला
