कायनात
कायनात
इस कायनात में बड़ी ही ताकत है
शायद तुम्हें पता नहीं!
तुम जिससे भी मिलना चाहो
तुम्हें उस से मिलवा सकती है
तुम पानी में आग लगाने की बात करते हो
यह दिलों में आग लगा सकती हैं।
यह कायनात कितनी चाले चलता है
शायद तुम्हें पता नहीं!
वो जुल्मी बड़ा ही बेदर्दी था पर
जिससे कायनात ने मुझे मिलवाया था
पहले मैं उसपर मरती थी अब वो मुझ पे मरता है
पर शादी कहीं और तय हो गई
सोचो सब इस कायनात का ही किया कराया था।
इस कायनात का कितना खौफ है
शायद तुम्हें पता नहीं!
अब फिर से मुझे इश्क हुआ
मुझे फिर से किसी ने बड़े प्यार से छुआ
पर कायनात का खौफ था कहीं बिछड़ ना जाए
इसलिए पहला वाला इश्क दोबारा ना हुआ।