आखिर कब खत्म होगा ये अकेलापन का सफर नोचता है खसोटता है ये अकेलापन....। आखिर कब खत्म होगा ये अकेलापन का सफर नोचता है खसोटता है ये अकेलापन....।
जिंदगी फिर यूँ ही निभा जाऊंगी। जिंदगी फिर यूँ ही निभा जाऊंगी।
नहीं हो तुम मेरे जीवन का हिस्सा और मुबारक हो तुम्हें ही तुम्हारी "आ"की मात्रा। नहीं हो तुम मेरे जीवन का हिस्सा और मुबारक हो तुम्हें ही तुम्हारी "आ"की मात्र...
मुझे पल भर के लिए सो जाने दो। मुझे पल भर के लिए सो जाने दो।
उम्र के ऐसे पड़ाव पे पहुँचता जा रहा हूँ।। उम्र के ऐसे पड़ाव पे पहुँचता जा रहा हूँ।।
धुआँ धुआँ है जिंदगी खौफ से डरी डरी। धुआँ धुआँ है जिंदगी खौफ से डरी डरी।