Kanishq Sharma
Abstract Inspirational
Hm m m m m n mn m m m
मुझे पल भर के...
और जीवन ठहरने के लिये नहीं है ध्यान से चलते रहने के लिये है। और जीवन ठहरने के लिये नहीं है ध्यान से चलते रहने के लिये है।
श्रद्धा के यह भाव सुमन, आप सभी को अर्पण करती हूँ। श्रद्धा के यह भाव सुमन, आप सभी को अर्पण करती हूँ।
पतित पावन है नाम तुम्हारा, कैसे मैं तुमको पुकारुँ। भव-सागर में गोते खाता ,इस पापी को पतित पावन है नाम तुम्हारा, कैसे मैं तुमको पुकारुँ। भव-सागर में गोते खाता ,इस...
समय के दामन में हम ना रोते काश! वो तुम ना होते काश ! वो तुम ना होते समय के दामन में हम ना रोते काश! वो तुम ना होते काश ! वो तुम ना होते
नहीं समझती थी कि अपना बनाना पड़ता है, नई जगह जाकर परायों को अपनाना पड़ता है! नहीं समझती थी कि अपना बनाना पड़ता है, नई जगह जाकर परायों को अपनाना पड़ता है!
नादान थे बचपन में हम ज़िंदादिल हुआ करते थे ! नादान थे बचपन में हम ज़िंदादिल हुआ करते थे !
कद्र करें अपनी अपने पर विश्वास करें, और खुद से प्यार करें ! कद्र करें अपनी अपने पर विश्वास करें, और खुद से प्यार करें !
राम चरित्र नहीं कोई जन पावा, सब मंदिर से मस्जिद सिर नावा... राम चरित्र नहीं कोई जन पावा, सब मंदिर से मस्जिद सिर नावा...
सूरज पर उसका डाला हुआ पर्दा जल रहा है सूरज पर उसका डाला हुआ पर्दा जल रहा है
कौन कहता है नारी तू तो है कमजोर और अबला कौन कहता है नारी तू तो है कमजोर और अबला
हो पांचजन्य की रूद्र गर्जना और विजय संग्राम करो। हो पांचजन्य की रूद्र गर्जना और विजय संग्राम करो।
बचपन हाँ बचपन जो खिलौनों से शुरू हो खिलौना बन जाता । बचपन हाँ बचपन जो खिलौनों से शुरू हो खिलौना बन जाता ।
चंचल मन लिए, हठेली हूँ मैं। हाँ ! औरत हूँ, एक पहेली हूँ मैं। चंचल मन लिए, हठेली हूँ मैं। हाँ ! औरत हूँ, एक पहेली हूँ मैं।
खुद खाली पेट रह के पूरे देश को भर पेट खिलाया है। खुद खाली पेट रह के पूरे देश को भर पेट खिलाया है।
निराशा भरे इस जीवन में, तुमसे ही आशा की किरण जगी। निराशा भरे इस जीवन में, तुमसे ही आशा की किरण जगी।
कोमल है कमजोर नही है, जग की जननी नारी है, ये ही सृष्टचक्र चलाती, मृत्यु इससे हारी है। कोमल है कमजोर नही है, जग की जननी नारी है, ये ही सृष्टचक्र चलाती, मृत्यु इससे ...
संतुष्टि से शांति शांति से सुख यहीं क्रम है यहीं जीवन है संतुष्टि से शांति शांति से सुख यहीं क्रम है यहीं जीवन है
यह आलम शराबियों का, पर तेरी आँखों से था जाम पीना। यह आलम शराबियों का, पर तेरी आँखों से था जाम पीना।
क्या हुआ मन का अंधेरा है उसकी आवाज का सुरीला सम्मोहन है क्या हुआ मन का अंधेरा है उसकी आवाज का सुरीला सम्मोहन है
बस मुझे परवाह है मेरी दुनिया मेरे परिवार की जिसके बिखरने के अहसास भर से घबराती हूँ बस मुझे परवाह है मेरी दुनिया मेरे परिवार की जिसके बिखरने के अहसास भर से घबरा...