STORYMIRROR

Asmita prashant Pushpanjali

Drama

3  

Asmita prashant Pushpanjali

Drama

धुआँ धुआँ है जिंदगी

धुआँ धुआँ है जिंदगी

1 min
249

धुआँ धुआँ है जिंदगी

खौफ से डरी डरी

उड़ चली है यूँ ही

सिगार के कश में घुली घुली।


छाया है चारों ओर मंजर

ना जाने क्यूँ तनहाई का।

रात है डरावनी,

साया भी गुम है कहीं।


वक्त की जंजीरों ने,

बांध रखा है हाथों को।

हाथों की काली स्याही ने,

लिखा है तकदीरों को।


धुआँ धुआँ है जिंदगी

खौफ से डरी डरी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama