पिया मिलन की ऋतु में , यह रूह मिलन को तरस रही। पिया मिलन की ऋतु में , यह रूह मिलन को तरस रही।
जीवन अपना वो भी अपनो से बेरुखा करके जाते है। जीवन अपना वो भी अपनो से बेरुखा करके जाते है।
घोंट देती हैं अपनी बेटियों के ख्वाहिशों का गला बड़ी बेदर्दी से। घोंट देती हैं अपनी बेटियों के ख्वाहिशों का गला बड़ी बेदर्दी से।
एक बेदर्दी बेवफा हसीना ने, हमारा दिल तोड़ दिया। एक बेदर्दी बेवफा हसीना ने, हमारा दिल तोड़ दिया।
रहम की गुजारिश ना थी कहीं... उफ्फ़! सबने हमें बड़ी बेदर्दी से चाहा। रहम की गुजारिश ना थी कहीं... उफ्फ़! सबने हमें बड़ी बेदर्दी से चाहा।
यह कायनात कितनी चाले चलता है शायद तुम्हें पता नहीं! यह कायनात कितनी चाले चलता है शायद तुम्हें पता नहीं!