STORYMIRROR

Hardik Mahajan Hardik

Others

3  

Hardik Mahajan Hardik

Others

वो लम्हें

वो लम्हें

1 min
171

वो लम्हे कुछ कहते है, हमसे हमें जो अपने दूर होते है। 

अपने बेहालों की बेदर्दी का हमें वो मंज़र दे जाते है।


वो लम्हे कुछ कहते है, हमसे अपने साथ छोड़ जाते है। 

जीवन अपना वो भी अपनों से बेरुखा करके जाते है।  


वो लम्हे कुछ कहते है, जब हमसे अपने टूट जाते है।

बेइंतहा मुहब्बत वह अपनी ठुकरा के जब जाते है।


वो कुछ कहते है, जब बीते हुए पल याद आते है।

हमदर्द ही हार्दिक बेरहमी ज़िल्लत से जाते है।  


Rate this content
Log in