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Poonam Gupta

Tragedy

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Poonam Gupta

Tragedy

कविता -बेरोजगारी की मार

कविता -बेरोजगारी की मार

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आज के युवा झेल रहे बेरोजगारी की मार है

पढ़ लिख कर भी नहीं मिल रही नौकरी ये कैसा दुर्भाग्य है


जिसको देखो वो बेरोजगारी की मार से त्रस्त है

एक सरकारी नौकरी की इच्छा उसके जीवन का सपना है


जीवन जीने के लिये सभी मेनहत करते हैं

हम तो उनसे पढ़े लिखे फिर क्यों मेनहत नहीं करते हैं


कोई काम छोटा और बड़ा नहीं होता है

अपने मेनहत और लगन से जीवन सफल होता है


किसी का तुम इंतजार न करो अपने बलबूत पर काम करो

भूख और गरीबी को मिटाकर अपना भरण पोषण करो।


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