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yogita singh

Tragedy

3  

yogita singh

Tragedy

संस्कार

संस्कार

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संस्कार की बेड़ियां पैरो में बांध के

हर बेटी बैठ जाती है घरो में 

फूंकती है चूल्हे में अपने अरमानों को 

सेंती है अपने सपने 

तब जा के कहीं भरता है 

पूरे परिवार का पेट!


और फिर वही संस्कार वो देती है 

अपनी बेटी को इस तरह से 

पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कार की

ये निरंतरता चलती रहती है !



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