रूह और जिस्म
रूह और जिस्म
रूह से इश्क करने वालों को भी जिस्मो की चाह होती है
इसलिए नहीं कि वो जिस्मो के भूखे होते हैं
बल्कि इसलिए
क्योंकि रूह जैसी अमूर्त चीज को
शरीर रूपी मूर्ति में स्थापित कर के कर सके
उसकी पूजा और प्रेम
और निहार सके उसके मन की सुंदरता
जैसे हम किसी इश्वर की मूरत में करते है
प्राण प्रतिष्ठा , फिर उसे अपने में मंदिर में बसा के
करते है उसकी पूजा
ठीक वैसे ही.....।