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SMRITI SHIKHHA

Romance

3  

SMRITI SHIKHHA

Romance

पेहेली नज़र में पेहेला प्यार

पेहेली नज़र में पेहेला प्यार

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150

जिंदगी में अब तक देखा कईं लोगों को है नजाने कितने हज़ारों लोगों को है देखा 


हो सकता ये भी है की उनमें से होंगे बहुत लोग ऐसे भी 


जो होंगे मेरे काबिल जो वाकई में होंगे मेरे जीवन साथी बनने के लायक


मगर प्यार तो वो चीज़ है जो आसानी से मिलती नही सामने होते हुवे भी इतनी जल्दी दिखती नहीं 


होगा प्यार तो सिर्फ अस्सी से जिसे प्यार होना होगा किस्मत में लिखा।


नसीब तकदीर किस्मत ये सब तोह वो चीज़ें हैं जो जिंदगी को अंजान अन्वेषण दिलचस्प और उम्मीद पर टिकने की देता है इजाज़त


अगर बन जाए कभी जिंदगी ऐसा की चले सिर्फ अपने मर्जी और अपनी चाहत पर 


तो क्या मायने रहे जायेंगे किस्मत, नसीब और तकदीर की क्यों की ये तीन चीज़ें तोह अपनी ज़िंदगी के भरोसे हीं टिके हैं रहेते


बिना इन सब के हो गई होती ज़िंदगी आसान मगर ज़िंदगी जीने में जो असली मज़ा है वो हो जाता खतम 


जिस तरह बिना भरोसे का कोई रिश्ता हो नही सकता और जहां कोई रिश्ता नहीं वहां भरोसे का क्या काम  ।



ज़िंदगी में चाहे जितने मिल जाए लोग अच्छे प्यार होता नही उनसे अगर हो ना वो किस्मत और तकदीर में लिखा 


प्यार होना कब होता तब हीं होता जब होता किस्मत की लकीरों में लिखा चाहे वो जैसे भी हो जिससे बचपन से हो जानते और करते हो नफरत


जिसका कभी लेना चाह रहे थे जान क्यों की करता वो था हमेशा तुम्हे परेशान 


आज वो लगता बड़ा खास है क्यों की आज उससे देखते हीं होता तुम्हे एक अनोखा एहसास है 


क्या पता हो जाए आखिर में अस्सी से प्यार क्यों की चाहे तुम जितने लड़ झगड़ लो साथी तोह वही तुम्हारा असली है


क्यों की करने के बाद भी इतना नफरत और इतना परेशान वो आज भी तुम्हारे साथ है  ।



क्यों की होती तो उसकी मर्जी पूरी है जो ऊपर वाले की है वो तो होता कभी कभी इत्तेफाक से


की हो तुम्हारी मर्जी जाती है कभी पूरी जब ऊपरवाले से मिलती तुम्हारी मर्जी है 


लढ़ झगड़ के चाहे मिलाले या फिर मिलाए पेहेली एक नज़र में पेहेली एक मुलाकात में


क्यों की प्यार कैसे हो कहां हो और कब हो ये तुम्हारे सोचने समझने से पहले ऊपरवाले ने


ये तुम्हारे तकदीर में या फिर कहो किस्मत की लकीरों में लिख रखा है  ।



न कोसना कभी किस्मत को क्यों की ज़िंदगी को मुश्किल बनाना भी इसमें लिखा है 


और कैसे हैं बनाते ज़िंदगी को आसान जो सुलझा सके हम अपने राहों में आई पहेलियां को 


उसका हल भी किस्मत में हीं लिखा है चाहो न चाहो मानो न मानो है ये सच जब महसूस करोगे तब करोगे यकीन क्यों देखा तो भगवान को भी लोगों ने नही 


देखा तो प्यार को भी किसीने नहीं मगर करते भरोसा सभी हैं करते यकीन सभी हैं क्यों की मेहसूस तो कुछ उन्होंने भी किया है  


क्यों की प्यार पे भरोसा करने वाले और ज़िंदगी के राहों पे चल के बार बार मात खाने वाले हीं है जानते


की प्यार या ज़िंदगी होती नही आसान बस जान वो हैं जाते प्यार को पाने और राह पे चल के आगे बढ़ ने का सही तरीका   ।



जब होना होगा प्यार हो वो जाएगा चाहे वो जिससे भी होना है बस जान और समझ सही से कुछ हीं पाते हैं क्यों की प्यार होता क्या ये जान और समझ बहुत हीं कम पाते हैं 


कुछ लोग हीं जुनून सम्मोहन सनक और असली प्यार क्या है ये फर्क सिर्फ कुछ हीं कर पाते हैं 


प्यार होता तो सभी को है बस पेहेली नज़र में पेहेला प्यार होता कुछ हीं लोगों को है 


बाकी सब को होता या जुनून है या फिर सम्मोहन मगर जान वो कहां पाते मगर जो हैं ये जानते मगर वो शायद मिल नही पाते


क्यों की पहली नज़र में पहला प्यार होता उन्ही लोगों से है जिससे हो नही तुम जानते मगर ले कर दोबारा मिलने की उम्मीद करते हो उसका इंतजार  ।


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