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यादें

यादें

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होली आने वाली थी,

विश करने के बहाने तुमने मुझे गले लगाया,

मुझे महसूस हुई थी तुम्हारी चाहत पहली बार,

तुम्हारा फ़ोन पर कुछ कहना चाहना,

पर अटक जाना।


अब मैं श्योर था,

तुम्हारी मेरे लिए फीलिंग के बारे में,

पर सुनना चाहता था,

अच्छा सा फील हुआ,

खुशी हुई,

पहले ये अहसास नहीं मिला था मुझे।


मोटीवेट करने पर तुमने वो तीन शब्द भी बोले,

जिन्हें तुम पहले से ही अहसास करा चुकी थी,

शाम को मिलने आई,

मुझे नहीं पता था

कैसे रिस्पांस करना होता है,

इस सिचुएशन में,

धड़कनें बढ़ी हुईं थी।


तुम मेरा जबाब जानना चाह रही थी,

मुझे उस समय –तुम्हे देखकर

कुछ सेंस नहीं रह गया था,

क्या, कौन, क्यूँ

अद्भुत तुम्हारा सम्होहन था,

मैं नहीं रोक पाया खुद को,

तुम्हारे होठों को चूमने से।


मेरे हाथ तुम्हारे बदन पर

खुद –ब- खुद चलने लगे

अब मैं नहीं,

हम एक दुसरे में डूब गए थे,

फिर ये सिलसिला चल निकला,

तुम्हारे फ़ोन का इंतजार,

तुम्हें देखने का इंतजार।


घंटो और कोई काम नहीं,

तुम्हे देखना,तुम्हारा इंतजार करना,

तुमसे मिलना, तो

हम बात कहाँ कर पाते थे,

एक –दूसरे में समाने को आतुर रहते थे,

जितनी फंतासी हो सकती थी।


सब कर डाली

कवर में लैटर

स्कूल बंक,

घर बुलाना,

फ्रेंड के घर जाना,

हद कर दी थी

सड़कों पर पुष्पांजली की,

झगड़े भी,

रूठना –मनाना भी हुआ,

गिफ्ट का ड्रामा भी।


अब बातें लवर्स से हस्बैंड

वाइफ तक पहुँच गई थी,

माँग भी भर दी,

मंगलसूत्र भी पहनाया,

करवाचौथ भी रखा,

बुआ से मुलाकात,

मम्मी से बात।


लाइफ एक –दूजे के बिना

सोच ही नहीं पा रहे थे,

दोस्त भी मिले, विलेन भी,

कम्युनिटी में भी चर्चे जोरों पर थे,

 देहरादून चले जाना।


मुझे एक बार फिर समझ नहीं आया की

क्या रिस्पांस करूँ

पहली बार ऐसा हुआ था

पहली बार तुम्हारे

होठों के स्पर्श पर और अब

तुम्हारा ये रवैया।


यादे ओवरलोड थीं,

पहले पाया क्यूँ

फिर ऐसे खाली रह जाना,

मेरे वजूद को हिला गया,

टाइम हीलर है,

धीरे –धीरे सच्चाई से वास्ता होने लगा।


पागलपन था, नशा था तुम्हारा

कोशिशे अधूरी रह गई –जिन्दा रह गया

पर जीने की वजह थी

तुम्हारा इंतजार

टाइम रुकता कहाँ है।


पर मेरा इंतजार जारी था,

तुम्हारा फ़ोन आया

पर अब कुछ और ही समझाने को,

 वो प्यार बचपना था –ये बताने को

मैं चाहता था –जो तुम चाहती थी।


जिसे प्यार करो

उसे आजाद छोड़ दो,

ऐसी शायरी में बहक गया था,

वहीं फिसल गया था,

मैंने जाने दिया तुम्हें

और चुना –तुम्हारा इंतजार।


वो लाइन थी ना –शायरी की

सच्चा प्यार वापस जरूर आता है,

जो तुम्हारा है, तुम्हारा ही रहता है

मैं शायरी को जीने लगा।


खुद भी लिखा,

पर तुम्हे ही लिखा,

आगे बढ़ा, पर अचेतन माइंड में तुम

चिपक गई हो,

वोर्किंग लाइफ तेज भाग रही थी ,

कैरिएर के आयामों में भी खरा उतरना था,

लाइफ की जर्नी में मेरिज भी हुई।


पर ये तुम

अजीब जिद्दी यादें हैं तुम्हारी

मैं अब भी मुस्करा लेता हूँ,तुम्हारी यादों में,

तुम्हारी लाइफ भी आगे चलती जा रही है,

पर अभी भी प्यार है तुम्हारे लिए।


तुम –बिन

मेरा होना अधुरा है

ये अधुरा जीवन –ऐसे ही होना पूरा है,

क्या कह सकती हो –

की तुमने भी मुझसे प्यार किया है,

अभी भी चाहती हो मुझे।


मेरी यादें तुम्हारे जेहन को अभी भी छूती हैं,

जवाब देना तुम्हारी मर्जी है,

मेरे पास हैं –

तुम्हारी यादें,

जो सिर्फ मेरी है।


मेरा इंतजार

जो सिर्फ मेरा है,

और ये अहसास की

तुम सिर्फ मेरी हो हमेशा।


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