एक तो कोरोना, ऊपर से ये गर्मी
एक तो कोरोना, ऊपर से ये गर्मी
एक तो कोरोना, ऊपर से ये गर्मी
इनसे भी बढ़कर इंसानी मूर्खता- नहीं होने दे रही कोई नरमी,
जितनी ज्यादा इन्फॉर्मेशन पाते हैं,
उतना कम अपडेट हो पाते हैं,
हम प्लान A बनाते हैं, प्लान B बनाते हैं,
Execute करने प्लान C को जाते हैं,
Collaboration करना था सच में,
पर दिखावा ही कर पाते हैं,
खुद के तीन घंटे के डिस्कशन को,
3 मिनट में समझाते हैं,
यूं तो कन्नेक्टेड रहते हैं virtually,
पर सच में कोई कड़ी भी नहीं जोड़ पाते हैं,
पर इन हालातों में बचपन को बिखरा पाते हैं,
वैसे तो हम 1,2,3 A,B,C को सिखाते हैं,
पर उससे जरूरी हो गया है –
की कितना हम जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ पाते हैं,
एक तो कोरोना, ऊपर से ये गर्मी
ढूँढना तो चाहते हैं, पर सच में चैन कहाँ पाते हैं।