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AVINASH KUMAR

Romance

3  

AVINASH KUMAR

Romance

प्रेम विवाह करना है सिर्फतुमसे

प्रेम विवाह करना है सिर्फतुमसे

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जब़ चांद सा सवेरा होता है सूरज़ की किरण़ निक़लती है

जब़ हम उससे मिलने के लिए इ़तने आतुर हो जा़ते हैं

नीद़ नही आती रातो मे सुब़ह ज़ल्दी उठ जाते हैं

मिल नही पाते है उस़से कुछ़ कह नही पाते है़ उससे 


तब़ एक़ पग़ली लड़की के बिन जीना ग़द्दारी लगता़ है,

और उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लग़ता है।।

जब़ बात हम उससे क़रते है वो हस देती है बातो़ पर 

पागल़ कहकर प्यार जताना उसका़ ये ढंग अ़च्छा लग़ता है


तब़ एक़ पगली़ लड़की के बिऩ जीना ग़द्दारी लग़ता है 

और उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लगता़ है।।

जब़ बात नही वो क़रती है खाना नही खाया जाता है

भूख़ प्यास नही लगती़ है पानी नही पिया जाता है


जब़ घर वाले क़हते है मुझ़से़ खाना क्यू नही खाता है

केसे बताऊ उऩको की अ़ब़ कुछ़ अच्छा ऩही लगता़ है 

तब़ एक़ पग़ली लड़की के बिऩ जीना गद्दा़री लग़ता है,

और उस पगली़ लड़की के बिऩ मरना भी भारी लग़ता है।।


जब़ मे कहता हू तुम़ तारीफ करो वो क़हती है तुम अ़च्छे हो

तारीफ मुझे नही आती है, तब़ मे क़हता हू तुम ब़च्ची हो


फिर भी उ़सकी इत़नी सी तारीफ भी अच्छी़ लगती़ है 

तब़ एक़ पगली़ लड़की के बिऩ जीना गद्दा़री लग़ता है

ओर उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लगता़ है।।

 

मुझे अ़पनी जान ब़ना लो

अ़पना अ़हसास ब़ना लो


सीने़ से ल़गा लो आ़ज

मु़झे अ़पनी रात़ ब़ना लो आज़ 


मु़झे अ़पना अ़ल्फाज़ ब़ना लो

अ़पने दिल की आवाज़ ब़ना लो


ब़सा लो अ़पनी आँखों में

मुझे अ़पना ख़्वाब़ ब़ना लो। 


मु़झे छुपा़ लो सा़री दु़निया से

अ़पने ए़क ग़हरा राज़ ब़ना लो


आज़ ब़न जा़ओ मे़री मोह़ब्बत

ओऱ मु़झे अ़पना प्यार ब़ना लो !


अब दूर ना रहों मुझसे

बस मुझसे प्रेम विवाह कर लो


इंतजार है सिर्फ तुम्हारा

देखना है आखिर कब आओगे

इस जीवन में मिलोगे या

अगले जनम तक तरसाओगे

प्रेम विवाह करना है सिर्फ तुमसे

इंतजार भी हुआ तो सह लेंगे हंसके।



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