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Mr. Akabar Pinjari

Romance

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Mr. Akabar Pinjari

Romance

क्या यही प्यार है

क्या यही प्यार है

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वह चलते हैं तो पल्लू संभाल लेते हैं,

कातिलाना नज़रों से दिल निकाल लेते हैं,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


धड़कन ए जिक्र करती है उनका हमेशा,

सांसें मजबूर है और दिल में करार है,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


वह चमन में हँसी की फुहार लेते हैं,

जैसे वादियों में जुल्फें सवार लेते हैं,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


कभी हँसते हुए दुश्मनों पर ऐतबार करते हैं,

और कभी दोस्तों पर साजिशों के वार करते हैं,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


तन्हाईयों में रो-रो के याद करते हैं,

गर आए सामने तो जाने की बात करते हैं,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


गमजदा हो जाता है, यह परदेसी अकेला,

और वह तड़पती हसरतों का, चलाते हैं मेला,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


वह हुस्न-ए-दामन को, मिटाने की बात करते हैं,

वो इस पतंगे को लौ में, जलाने की बात करते हैं,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


हम चरागों में जलकर मिट भी जाए,

तो करार क्या होगा,

उस बेवफा आशिक को प्यार,

होगा भी तो क्या होगा,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


अब तेरे दर के, जिंदा फकीर हो गए हैं हम,

तू चाहे या ना चाहें, तेरी तकदीर हो गए हैं हम,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


कम से कम न चाहती हैं तो, आवाज़ तो लगा दे,

अब मर रहे हैं हम कमबख्त, ज़रा प्यास बुझा दे,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


जब पूछूंगा ख़ुदा, तो क्या जवाब देंगे,

तेरी बेवफाई का, हम क्या हिसाब देंगे,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


गर फिर से किया ख़ुदा ने ऐतबार मेरा,

तो मेरे हिस्से में मांग लूंगा वो प्यार तेरा,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


हाथों की लकीरों में बस, उसका ही खुमार होगा,

कुदरत के हर निज़ाम में, उसका ही दीदार होगा,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


सारा जहान क्या मैं तो जन्नत भी वार दूँ,

अगर करे वो ऐतबार तो, उसे जन्नत का प्यार दूँ,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


नशा इस कदर उल्फ़त का, जो दिल में उतर गया है,

वह कैसा हमसफ़र है यारों, जो रास्ते में घर कर गया है,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


मंज़िल उसको मिलेंगी, ना तलाश मेरी खत्म होगी,

मां फिर चांदनी रात होगी, ना वो तारों की बात होगी,

क्योंकि

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


गर ज़ुस्तज़ू है तुम्हारी निगाहों में, हमको पाने का,

तो एक मौका देते हैं हम तुम्हें, इश्क को आजमाने का,

क्योंकि,

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


चलो आओ आज, एक बड़ा फ़ैसला ही कर ले,

मंज़िल एक है तो ठीक है, वरना रास्ते दो-चार कर ले,

क्योंकि,

जब भी देखते हैं उन्हें, कहते हैं, क्या यही यार है,

और पूछते रहते हैं दिल से, क्या यही प्यार है।


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