उड़ान
उड़ान


उड़ान अपने सपनों की कम नहीं होती,
गिरते हुए पंछियों की हिम्मत कम नहीं होती।
बुजदिल है ज़माना आखिर क्यों?
उड़ने की कोशिश हरदम नहीं होती।
उड़ने वाला कभी गिरने की नहीं सकता,
सोचने वाला कभी उड़ नहीं सकता।
जिसका हौसला है मज़बूत वह
बादलों को चीर जाता है,
और सितारों से गुजरता हुआ
अपना इतिहास बनाता है।
मेहनत उसकी कभी बेकार नहीं होती,
उड़ान अपने सपनों की कभी कम नहीं होती।
उड़ते हुए पंछी को सब नीचा दिखता जाता है,
यह नजारा देखकर उसका हौसला और बढ़ जाता है।
सूरज की गर्मी, वर्षा का पानी या फिर हो तू़फ़ानी हवाएं,
ना खचता है, ना डरता है, ना घबराता है,
सब पर अपनी उड़ान का ज़ोर दिखाता जाता है।
नादान उस परिंदे की मेहनत बेकार नहीं होती,
उड़ान अपने सपनों की कम नहीं होती।