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Mr. Akabar Pinjari

Abstract

4.9  

Mr. Akabar Pinjari

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फिक्र

फिक्र

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175


किसी को तन की फिक्र है,

किसी को मन की फिक्र है,

किसी को जन की फिक्र है,

किसी को धन की फिक्र है।


किसी को सनम की फिक्र है,

किसी को कसम की फिक्र है,

किसी को कदम की फिक्र है,

किसी को बदन की फिक्र है।


किसी को अमन की फिक्र है,

किसी को चमन की फिक्र है,

किसी को वतन की फिक्र है,

किसी को पतन की फिक्र है।


किसी को चरण की फिक्र है,

किसी को धर्म की फिक्र है,

किसी को मरण की फिक्र है,

किसी को जन्म की फिक्र है।


किसी को लगन की फिक्र है,

किसी को अगन की फिक्र है,

किसी को चुभन की फिक्र है,

किसी को जलन की फिक्र है।


किसी को हरम की फिक्र है,

किसी को शरम की फिक्र है,

किसी को उड़न की फिक्र है,

किसी को थकान की फिक्र है।


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