उड़ान अभी बाकी है !
उड़ान अभी बाकी है !
उड़ान अभी बाकी है.........…...........!
उठाई जो कलम, लिखना अभी बाकी है,
तेरी पढ़ाई का, इम्तिहान अभी बाकी है।
जो गर्दिशों में है तारे, वह आसमान अभी बाकी है,
तेरे सुंदर से सपनों का, मुकाम अभी बाकी है।
तुझे तराश दूं , वह सामान अभी बाकी है,
तेरे चेहरे के पीछे छुपा, वह गुलाम अभी बाकी है।
जिसने दी है तुझे यह जिंदगी (मां-बाप),
उसका दाम अभी बाकी है।
कशिश लाओ, अपनी पढ़ाई में यारों,
अभी तक आपका, पूरा ध्यान बाकी है।
हौसलों का फ़न है दिमाग में,
फैसलों को जीतने का मन है,
दो कदम मेरे साथ तो चल प्यारे,
जो ठहर कर कर ले तू, वह आराम अभी बाकी है।
सीख उस कमल से, जो कीचड़ में भी खिल जाता है,
कर दिखा, तू भी कुछ ऐसा, वह काम अभी बाकी है।
तू कर ले जो भी है तुझे करना,
तेरे उड़ते हुए दिमाग पर, मेरे इरादों की लगाम अभी बाकी है।
मुझसे सीख ले मेरा हुनर,
मेरे जुनून में टीका मेरा नाम अभी बाकी है।
मैं दीया हूं, मैं तो जलता ही रहूंगा,
तू चल पड़ इस प्रकाश में,
जब तक इसकी पहचान बाकी है।
कर रहा हूं तुझे बनाने की कोशिश,
ना कर पाऊं तो, मेरी रुखसत का
वह अंजाम अभी बाकी है।
तू समझ ले, मेरे इज़हार से अपना काम,
तूने बस मुट्ठी भर ज़मीं को जीता है,
आंखें उठाकर ज़रा ऊपर देख ऐ बंदे,
तेरे लिए खुला अभी ये, सातों आसमान बाकी है।
तूने अब तक, दो सांसे ही जी है,
दरमियान दो सांसों की शाम अभी बाकी है।
तेरे अंदर छुपा वह फ़नकार महान,
तुझसे निकालना अभी बाकी है।
मैंने सोचा है, तेरे बारे में जहां तक ऐ छात्र,
तेरे पंखों की वह उड़ान अभी बाकी है।
............. उड़ान अभी बाकी है.........।