झूठा जीना
झूठा जीना
जीने से ज़्यादा मरना आसान लगता है
होंठ झूठ ही मुस्कुरा देते है जब ,
आंखो में पानी लगता है
दिखावे में कट रही है जिंदगी हौले हौले
बिना खिलखिलाए कट जाएगी जिंदगानी लगता है
जो कहते है हम साथ देंगे उम्र भर तुम्हारा
वो देख कर ये सतरंगी दुनियां हाथ छुड़ा बैठे है,
हमसफ़र ऐसे ही होते है लगता है
अब फर्क नहीं पड़ता किसी भी बात से
दर्द हद से गुजर गया लगता है
मेरे शब्द चीख रहे है पन्नों पर
अब जुबां की कीमत ना रही लगता है
होठ झूठ ही मुस्कुरा देते है जब ,
आंखो में पानी लगता है.