विडंबना
विडंबना
क्या विडंबना है - हम इतनी तरक्की कर पाए,
भिखारी को मोबाइल तो दे सके किंतु रोटी न दे पाए।
क्या विडंबना है - साठ साल से प्रौढ़ शिक्षा चला रहे हैं,
बच्चों को अनपढ़ रख उन्हे बूढे़ होने पर पढा रहे हैं।
क्या विडंबना है - शहरों में मेट्रो रेल तो ला सके हैं,
लेकिन आम आदमी को अभी तक एक घर न दे सके हैं।
क्या विडंबना है - खेती की पैदावार दस गुना बढ़ा चुके हैं,
लेकिन किसानों की आत्महत्या को नही रोक सके हैं।
क्या विडंबना है - लाखों डिग्री धारक बना दिए हैं,
लेकिन उनको रोजगार के कोई साधन नहीं दिए हैं।
क्या विडंबना है - कितने कोर्ट कचहरी खुलवाए
लेकिन एक मुकदमा निपटाने को चार जन्म लेने पड़ जाएं।
क्या विडंबना है - कितने करोड़पति पैदा किए घर से
लेकिन आधी जनता दो वक्त की रोटी को तरसे।
क्या विडंबना है - सबसे अधिक कानून हमने बनाए
लेकिन भ्रष्टाचार देश का अभिन्न अंग है यही समझ पाए।
क्या विडंबना है - बच्चे भगवान का रूप होते हैं,
लेकिन सबसे अधिक बाल मजदूर हमारे यहाँ ही होते हैं।
क्या विडंबना है - मल्टीप्लेक्स, माल्स, गगनचुंबी इमारते हैं,
लेकिन यहां आधे लोग झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं।
क्या विडंबना है - देश को ये नेता चलाते हैं,
जो देश को कम देशवासियों को ज्यादा चलाते हैं।