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Kulwant Singh

Tragedy

4.2  

Kulwant Singh

Tragedy

विडंबना

विडंबना

1 min
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क्या विडंबना है - हम इतनी तरक्की कर पाए,

भिखारी को मोबाइल तो दे सके किंतु रोटी न दे पाए।

 

क्या विडंबना है - साठ साल से प्रौढ़ शिक्षा चला रहे हैं,

बच्चों को अनपढ़ रख उन्हे बूढे़ होने पर पढा रहे हैं।

 

क्या विडंबना है - शहरों में मेट्रो रेल तो ला सके हैं,

लेकिन आम आदमी को अभी तक एक घर न दे सके हैं।

 

क्या विडंबना है - खेती की पैदावार दस गुना बढ़ा चुके हैं,

लेकिन किसानों की आत्महत्या को नही रोक सके हैं।

 

क्या विडंबना है - लाखों डिग्री धारक बना दिए हैं,

लेकिन उनको रोजगार के कोई साधन नहीं दिए हैं।

 

क्या विडंबना है - कितने कोर्ट कचहरी खुलवाए

लेकिन एक मुकदमा निपटाने को चार जन्म लेने पड़ जाएं।

 

क्या विडंबना है - कितने करोड़पति पैदा किए घर से

लेकिन आधी जनता दो वक्त की रोटी को तरसे।

 

क्या विडंबना है - सबसे अधिक कानून हमने बनाए

लेकिन भ्रष्टाचार देश का अभिन्न अंग है यही समझ पाए।

 

क्या विडंबना है - बच्चे भगवान का रूप होते हैं,

लेकिन सबसे अधिक बाल मजदूर हमारे यहाँ ही होते हैं।

 

क्या विडंबना है - मल्टीप्लेक्स, माल्स, गगनचुंबी इमारते हैं,

लेकिन यहां आधे लोग झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं।

 

क्या विडंबना है - देश को ये नेता चलाते हैं,

जो देश को कम देशवासियों को ज्यादा चलाते हैं।


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