नयी सोच
नयी सोच


एक सोच नयी दुनिया में लायें,
आओ परिपाटी इक नयी चलायें
मंदिर, मस्जिद, गिरिजा, गुरुद्वारे,
वास्तव में इनको पूज्य बनायें
कुरान, गुरुग्रन्थ, गीता, बाइबिल,
और पूजा की सब मूर्तियां हटायें
मंदिर, मस्जिद, गिरिजा, गुरुद्वारे,
रोज एक गरीब यहां लेकर आयें,
पूजा के सिंहासन पर उसे बिठायें,
एक दिन के लिए भगवान बनायें
सब मिलकर उसकी पूजा करें,
तन, मन, धन से उसकी सेवा करें।
सारा चढ़ावा बस उसके नाम करें,
ससम्मान उसकी इच्छायें पूरी करें।
अगले दिन फिर एक गरीब लायें,
उसकी पूजा अर्चना का सबब बनायें
एक सोच नयी दुनिया में लायें,
आओ परिपाटी इक नयी चलायें