मात पिता
मात पिता
मात पिता स्वीकारो वंदन,
हम हैं आपके प्यारे नंदन।
नन्हा सा इक जीवन आया,
सींच प्यार को उपज बनाया।
प्यार-प्यार में प्यार सिखाया,
जीवन अपना प्यार बनाया।
डगमग-डगमग चलते थे हम,
तोतली बातें करते थे हम।
थमना कदमों को सिखलाया,
थम-थम कर चलना सिखलाया।
मात पिता स्वीकारो …।
आप हमारे कर्ता धरता,
आप हमारे भाग्य विधाता।
आप हमारे धरती गगन हो,
हम फूलों का आप चमन हो।
आप के चरणों में है वंदन,
प्रेम बना है सुर स्पंदन।
मात पिता स्वीकारो …।
आप के पदचिन्हों पर चलकर,
बढ़ते जायें पग-पग चलकर।
शिशु अबोध थे हम अज्ञानी,
आज बने भाभा विज्ञानी।
संस्कृति, संस्कारों से पूर्ण,
मानव मूल्यों से परिपूर्ण।
चमके बन कर हम आभूषण,
स्रोत तुम्हीं हो परिशुद्ध कंचन।
मात पिता स्वीकारो …।