मत जगाओ,मुझे सोने दो...!
मत जगाओ,मुझे सोने दो...!


मत जगाओ,
मुझे सोने दो,
थोड़ा रोना हैं,
रोने दो!
खोकर भी कुछ
हासिल ना हुआ,
हर तरफ हैं
धुआँ-धुआँ,
अब
जो हो रहा हैं,
होने दो,
मत जगाओ,
मुझे सोने दो,
थोड़ा रोना हैं,
रोने दो!
परिंदो को भी
अब ये जहां,
प्यारा नहीं,
जाहिल सोच वाली
इस दुनियाँ में,
"रंजन"गुजारा नहीं,
नफ़रत का बीज
बोने दो,
मत जगाओ,
मुझे सोने दो,
थोड़ा रोना हैं,
रोने दो!