Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Tragedy

3  

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Tragedy

औरत पे उंगली

औरत पे उंगली

1 min
242


एक औरत पर उंगली उठाने वाले

अपनी ही माँ का दूध लजाने वाले

क्या तुम्हारा जिस्म पत्थर का बना,

अपने रूह को पत्थर समझने वाले

थोड़ा ख़ुद को भी शीशे में देख ले,

दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने वाले

तू भी माटी का ही बना पुतला है,


तुझे भी जग में नारी ने ही जना है

स्त्री पे बुजदिल सा हाथ उठाने वाले

एक स्त्री पर उंगली वो उठाता है,

जिसका लहू पानी हो जाता है,

जिसने तेरी नाम का सिंदूर भरा है,

उस सिंदूर को कृष्ण करनेवाले

थोड़ा अपने गिरेबां में भी झांक ले,


दूसरों पे तानों के पत्थर फेंकने वाले

एक औरत पर उंगली उठाने वाले

वो दुनिया मे सबसे बड़े बुजदिल है,

जिसने उसको मां बनकर पाला है,

उसी औरत को हर दिन रुलाने वाले

ख़ुदा क्या तुम्हें ज़रा माफ़ कर देगा,

अपने ख़ुदा को रोज तोड़ने वाले



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy