मृगनयनी
मृगनयनी


ओ मृगनयनी आँखो वाली ओ सुंदरी
कैसा जादू है तेरा
मैं बेचैन हो गया, हार गया
नींद आती नही
सपने आते है तेरे
कैसे किया क्या किया
मुझे दीवाना बना दिया
कैसी अमिट छाप छोड़ी तूने
कि मैं तुझे भूल नही पाता
मैं हृदय रोग से ग्रसित हो गया
ये तूने क्या कर दिया
मुझे प्रेम-पुजारी बना दिया
मेरे हृदय से तेरी याद जाती नही
हर बार तुम याद आती हो
मजबूर कर दिया, लाचार कर दिया
ओ मृगनयनी तूने&n
bsp;ये क्या कर दिया
क्या करूँ क्या कहूँ
तेरे कारण मैं आवारा हो गया
बेसहारा हो गया
मुझे जब तेरी लत, आदत लग गई
तो तू मुझे छोड़कर जा रही है
जैसे बाकी छोड़ कर चले गए
किसी षड्यंत्र व साज़िश के तहत
ओ मृगनयनी ये क्या कर रही हो
जीते जी मुझे मार (हत्या ) करके जा रही हो
धोखा व फरेब के अग्नि मे जला कर ,
राख कर के जा रही हो
जाओ मृगनयनी जाओ।