कुछ दर्द दफन है सीने में
कुछ दर्द दफन है सीने में


जिंदगी में कुछ दर्द दफ़न है सीने में
जिंदगी में कुछ मर्ज दफ़न है सीने में
जिंदगी ने कुछ सरदर्द हमे ऐसे दिये,
जिनसे कुछ हमदर्द दफ़न है सीने में
हम जब भी क़ब्र को खोदा करते है,
आँसू आ जाते है, मेरे इस सीने में
सावन में भी हम सूखे ही रह जाते है,
कुछ ऐसी आग दफ़न है मेरे सीने में
फ़िर भी जिंदगी का जहर पी लेते है,
कुछ ऐसा अर्क दफ़न है मेरे सीने में
जिंदगी में कुछ दर्द दफ़न है सीने में
इसे छोड़ क्या ख़ाक मजा है जीने में
कोई
चीज वक्त पे निकले तो अच्छा है,
वक्त पे चलने से खिलते फूल हर महीने मे
दर्द के दफ़न होने की मियाद होती है,
ज़्यादा दफ़न होने से शूल चुभते सीने में
दर्द को ख़ूब लहू पिलाया तूने सीने में
तेरी गलती है, गैरों को जगह दी सीने में
अब उठ जाग भी जा न बहुत सोया है,
तू तो अब तक जिंदगी के हर महीने में
जिंदगी में कुछ दर्द दफ़न है सीने में
जिंदगी में कुछ मर्ज दफ़न है सीने में
दर्द से यहां छुटकारा वो ही पाता है,
जो संघर्ष करता है अपने ही सीने में