हर वक़्त
हर वक़्त
हर वक़्त आंखों से अश्क़
पिया करते हैं,
यूँ ही नहीं तन्हा हम जिया
करते हैं,
ग़म ए जुदाई का ज़हर
पिया करते हैं,
ज़िन्दगी से लड़कर आशाएँ,
उम्मीदों की लगाया
करते हैं,
आस लिए हम आशाओं की
इकतरफ़ा ज़िन्दगी जिया
करते हैं।
हर वक़्त आंखों से अश्क़
पिया करते हैं,
यूँ ही नहीं तन्हा हम जिया
करते हैं,
ग़म ए जुदाई का ज़हर
पिया करते हैं,
ज़िन्दगी से लड़कर आशाएँ,
उम्मीदों की लगाया
करते हैं,
आस लिए हम आशाओं की
इकतरफ़ा ज़िन्दगी जिया
करते हैं।