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Hardik Mahajan Hardik

Tragedy

4.0  

Hardik Mahajan Hardik

Tragedy

हर वक़्त

हर वक़्त

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हर वक़्त आंखों से अश्क़

पिया करते हैं,

यूँ ही नहीं तन्हा हम जिया

करते हैं,

ग़म ए जुदाई का ज़हर

पिया करते हैं,

ज़िन्दगी से लड़कर आशाएँ,

उम्मीदों की लगाया

करते हैं,

आस लिए हम आशाओं की

इकतरफ़ा ज़िन्दगी जिया

करते हैं।


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