वो खुद को भूल जाते हैं
वो खुद को भूल जाते हैं
पिता का मन तृप्त नहीं होता, फिर भी ये त्याग करते हैं ;
बच्चे पिता के संग रहते जल्दी समझदार हो जाते हैं!
पिता अपनी परेशानी कभी ज़ाहिर नहीं होने देते हैं;
बच्चों की ख्वाहिश पूरी करते खुद को भूल जाते हैं !
उम्र भर ये सदा त्याग तपस्या करते जाते हैं,
फिर भी बुढ़ापे में इन्हें अपने लोग तन्हा छोड़ देते हैं!
बनाता है यहां जो घर बहुत मेहनत मशक्क्त से;
उसी इंसा को अक्सर बच्चे बड़े होकर अकेला छोड़ देते हैं!
