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V. Aaradhyaa

Tragedy

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V. Aaradhyaa

Tragedy

वो खुद को भूल जाते हैं

वो खुद को भूल जाते हैं

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पिता का मन तृप्त नहीं होता, फिर भी ये त्याग करते हैं ;

बच्चे पिता के संग रहते जल्दी समझदार हो जाते हैं!


पिता अपनी परेशानी कभी ज़ाहिर नहीं होने देते हैं;

बच्चों की ख्वाहिश पूरी करते खुद को भूल जाते हैं !


उम्र भर ये सदा त्याग तपस्या करते जाते हैं,

फिर भी बुढ़ापे में इन्हें अपने लोग तन्हा छोड़ देते हैं!


बनाता है यहां जो घर बहुत मेहनत मशक्क्त से;

उसी इंसा को अक्सर बच्चे बड़े होकर अकेला छोड़ देते हैं!



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