सोने की गेंद
सोने की गेंद
मेरी मां शायद आज मेरे लिए सोने की गेंद लाई है।
इस मासूम से नन्हे बच्चे के मन में यह बात आई है।
शायद फिर सोने का वर्क लगा हुआ बड़ा सा लड्डू।
यह सोचते हुए इसके मन में फूट रहे खुशी के लड्डू।
मां बोली कि बेटा सोने की गेंद आज थोड़ी थी महंगी।
लड्डू वाले की दुकान आज बंद थी,कहकर रोने लगी।
बेटा तू मन लगा कर पढ़ लिख ले, बड़ा आदमी बन जा।
फिर तू ख़ुद ख़रीद लाना लड्डू और लेना गेंद का मज़ा।
