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V. Aaradhyaa

Tragedy

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V. Aaradhyaa

Tragedy

क्यूँ खामखा हलाल करते हो

क्यूँ खामखा हलाल करते हो

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हम पर लगाकर इल्ज़ाम बेवफाई का,

सुना है कि, बड़ा तुम कमाल करते हो !

जीने मरने का तुम्हारे संग का वादा था,

सच कहूँ यारा, बातें बेमिसाल करते हो!


मलीन सा हो जाता है ये दिल यूँ हमारा,

तुम खुद से क्यों नहीं सवाल करते हो !

यूँ उलझा किए तम्हारी फिज़ूल बातों में,

खुद को बेवज़ह क्यूँ ऐसे हलाल करते हो !


हो गए तन्हा तो देखेंगे अब जो आगे होगा,

किसी छोटी बात को क्यूँ विकराल करते हो !

ज़ब आएगा वो वक़्त तो देख लेंगे जो होगा,

दिल कहता कि, क्यूँ खामखा मलाल करते हो !


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