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V. Aaradhyaa

Tragedy

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V. Aaradhyaa

Tragedy

मन बच्चों का

मन बच्चों का

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बच्चों का मन तृप्त नहीं होता,

फिर भी ये सदा त्याग करते हैं ;

कुछ बच्चे अभाव देखकर ,

जल्दी समझदार हो जाते हैं!


पिता की खाली जेब देखकर

बच्चे मेला जाना छोड़ देते हैं;

माँ की फटी साड़ी देख बच्चे

खिलौना नहीं खरीद पाते हैं !


ख़ुशी क्या है यहां, ग़म क्या है,

सब पता उनको कहां;

ज़माने में इन्हें अपने लोग

सड़कों पर तन्हा छोड़ देते हैं!


बनाता है यहां जो काफ़िला

बहुत मेहनत मशक्क्त से;

उसी शख्स को अक्सर

काफ़िले वाले अकेला छोड़ देते हैं!



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