वीर योद्धा
वीर योद्धा
हैं गौरवान्वित पन्ने इतिहास के वीर
योद्धाओं के बलिदान से,
गुज़रा है विभीषिका से युद्ध की हर युग, त्रेता से कलि तक,
थे और हैं देशभक्ति में सराबोर योद्धा ये निराले, मतवाले,
रहते तत्पर हर हाल में बचाने को तैयार देश की आन, बान और शान।
हुआ था युद्ध भयंकर राम और रावण के मध्य त्रेता में,
थे वीर एक से बढ़ एक, दोनों पक्ष के करने को युद्ध,
रहा युग द्वापर साक्षी कौरव और पांडवों के बीच हुए महाभारत का,
रंग गई रणभूमि लाल रंग में रक्त से वीरों से भी वीर योद्धाओं के,
देखे कलियुग ने भी विश्व युद्धों में होते शहीद सूरमा असंख्य,
कर दिये न्यौछावर प्राण शूर वीरों नें करने स्वतंत्र भारत माँ को।
उदाहण हैं यह तो मुट्ठी भर, हुए तो हैं युद्ध अनेक,
परन्तु होते हैं ये युद्ध क्यों……?????
स्थापित करने को वर्चस्व या करने को शान्त क्षुधा अंह की,
हो करण कुछ भी पड़ता है धोना हाथ तो वीर योद्धाओं को ही,
बिखर जाता है परिवार सूरमाओं का,
हो रहा विध्वंस आज भी यूक्रेन में, हो रहे शहीद वीर योद्धा दोनों ही पक्ष के।
कर रहा उन्नति जितनी हर क्षेत्र में मानव बढ़ा रहा कदम उतना ही युद्ध की ओर,
न जाने कब लगेगा युद्ध विराम सदा के लिये इन विध्वंसकारी युद्धों पर,
जी सकेगें कब शान्तिपूर्ण जीवन सामन्य परिवार के संग ये वीर योद्धा हमारे।।
