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Anindya Biswas

Tragedy

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Anindya Biswas

Tragedy

प्यार के कातिल

प्यार के कातिल

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जिंदगी में बहुत कुछ देख लिया;

और अब नया क्या दिखाएगा,


कागज में दस्तखतः से शुरू हुया जो रिश्ता;

फिर से नई दस्तखतः से मिट जाएगा,


चंद कुछ लम्हों का था सो साथ;

यूंही भुला देंगे सनम धीरे धीरे,


प्यार तूने तो मुझे कभी किया ही नही;

बेवकूफी था मेरी; मेने ही प्यार करके बेटा,


एक तरफा रिश्तेदारी निभाई ही मन;

तेरे हर एक गम को मुझमें समेटा,


कितना दिन और सहता में तेरी घमंड;

डर था;कही नफरत ना बन जाए तू,


यही चझूंगा खुदा से;

प्यार के कातिल कहलाए तू।



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