STORYMIRROR

मरी हुई व्यवस्था

मरी हुई व्यवस्था

1 min
26.7K


बच्चा ढूँढ कर मुझे, मेरे पास आता है

मेरे कान में वो कुछ बताता है

मैं सुनते ही थोड़ा सकपकाता हूँ

पुलिस चौकी की ओर भागता हूँ

इंस्पेक्टर को ढूंढता हूँ

सारी बातें बोलता हूँ।

किसी लड़की की इज्ज़त खतरे में है

दरिन्दा जा पहुंचा उसके चबूतरे में है

चबूतरे से कमरे की थोड़ी ही दूरी है

साहब लड़की की इज्ज़त

बचाना बहुत जरूरी है।

वो कान में ऊँगली डालता हैं

मेरी तरफ निहारता है

घटना का स्थान पूछता है

दरिंदें का नाम पूछता है।

मैं कहता हूँ साहब जल्दी चलो

वक़्त निकल जाएगा

लड़की का पल्लू जिस्म से उतर जाएगा

वो बोला रुको चलते है,

पहले इसकी इंट्री रजिस्टर में करते है

फिर वो एक अजीब बात मुझे बताता है

ये स्थान दूसरे थाना क्षेत्र आता है।

तुम्हे वहाँ जाना पड़ेगा

और वही कम्प्लेन लिखाना पड़ेगा

मैं भागकर दूसरे थाने में जाता हूँ

फिर उसे पूरी घटना शुरू से बताता हूँ

फिर वो वही उत्तर मुझे देता है

तेरा थाना पुराना वाला था कह देता है।

मैं हारकर दो हजार का नोट आगे बढ़ाता हूँ

पल भर में थाना क्षेत्र बदलवाता हूँ

वो इस्पेक्टर सोते हुए हवलदारों को जगाता है

अपने और साथियों को उठाता है

पहुँचते ही देखते हैं की वहाँ बहुत भीड़ खड़ी है

लड़की नग्न अवस्था मे जमीन में पड़ी है।

मैं जाकर उसे एक चादर उढ़ाता हूँ

उसे फिर थोड़ी हिम्मत बँधाता हूँ

मैं खुद अन्दर से बहुत डरा हुआ था

सच में मैं इस व्यवस्था के हाथो मरा हुआ था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy